बुधवार, 6 मई 2015

गौमुख मंदिर : चित्तौड़गढ़

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व्हाट्स एप्प पर एक मैसेज देखा था ! मैसेज क्या ये एक जोक है - तुम भगवान को रोज़ रोज़ याद करते हो अगर भगवान ने भी तुम्हें एक दिन याद कर लिया तो ? सच में , हम ऐसा सोचते भी नहीं कि भगवान के यहां से कभी कॉल आ गयी तो सब कुछ यहीं धरा रह जाएगा , इसलिए जिंदगी को जितना बेहतर जी सकते हो जीने की कोशिश करिये। खुशियाँ चुनिए , खुशियाँ बाँटिये !


चित्तौड़गढ़ के विश्व प्रसिद्द विजय स्तम्भ को देखने और उसमें घुसने पर दो बार सर फुटवाने के बाद थोड़ी सी देर आराम की जरुरत महसूस होने लगी थी। मैं वहीँ एक जगह पत्थर पर बैठ गया। तभी एक चार पांच विदेशियों का ग्रुप भी वहीँ आकर खड़ा हो गया। थोड़ी देर में उनका गाइड भी आ गया। गाइड भी वहां ऐसे ऐसे हैं कि बस पूछिए मत। ज्यादातर गाइड को देखकर ऐसा लगेगा जैसे ये अभी टेम्पो चलाकर आया हो , लेकिन ये शायद उनका पहनावा है। या पार्ट टाइम काम ? जैसा विजय स्तम्भ का चौकीदार बता रहा था कि यहां रहने वाले लोगों को बहुत मुआवजा मिला है और कोई भी करोड़पति से कम नही है। इसलिए यहीं रहकर गाइड का काम करते हैं और अंग्रेजी बहुत बढ़िया बोलते हैं। अगर आप परिचित नही हैं तो पहिचान नही पाएंगे कि ये आदमी अंग्रेजी भी बोल सकता है और गाइड भी हो सकता है। वो वहीँ से खड़े होकर उन विदेशियों को कुछ बताने लगा , समझाने लगा। जब तक वो वहां रहे मैं भी बैठा ही रहा , मुझे बिना पैसे खर्च किये गाइड का ज्ञान मिल रहा था।


एक जगह का जिक्र करना चाहूंगा। वहां फोर्ट काम्प्लेक्स में बहुत से पत्थर पड़े हैं जिन्हें संभालकर रखा गया है। ये उन मंदिरों के पत्थर हैं जिन्हें मुग़ल शासकों ने तोड़ दिया था। उनके अवशेषों को यहां एकत्रित किया गया है। मुग़ल शासक सबसे पहले हिन्दू मंदिरों का शीर्ष तोड़ते थे और फिर उसमें से चोरी कर ले जाते थे। हमने भी कैसा कैसा समय देखा है ?


इसी काम्प्लेक्स में आपको कुम्भ श्याम मंदिर देखने को मिलेगा और गज लक्ष्मी मंदिर भी। ये बहुत प्रसिद्द मंदिर तो नही हैं लेकिन जब आदमी वहां तक गया है तो सोचता है एक बार अंदर जाकर तो देख ही लूँ। पीछे की तरफ चलते जाइए तो आपको गौमुख मंदिर और सरोवर मिलेगा जिसमें से पानी लगातार बहता रहता है। एक छोटा सा कमरा है , कमरा कहना गलत होगा , जीने का साइज ही होगा , उसमें पानी आता रहता है। बहुत गन्दगी और फिसलन है उधर। दो तीन महिलाएं दान प्राप्त करने के लिए बैठी होती हैं और कुछ ज्यादा आकर्षित करने वाली चीज उधर नही है। सरोवर का पानी भी बहुत गंदा है। कहते हैं पहले यहीं से महलों के लिए पानी की सप्लाई होती थी , लेकिन तब शायद इतना गंदा नहीं रहता होगा।


आइये फोटो देखते हैं :


आज पहली बार फोटो पर अपना नाम लिखना सीखा है , गलतियां हुई हैं ! लेकिन अभ्यास करते करते सब सीख जाऊँगा !










ये हैं वो पत्थर जिन्हें मुग़ल शासकों द्वारा तोड़े गए मंदिरों के अवषेशों के रूप में रखा गया है


गौमुख मंदिर 
गौमुख मंदिर
ये गौमुख जलाशय

इस जगह में लगातार पानी चलता रहता है , लेकिन बहुत फिसलन है
महासती ! यहां राजपरिवार के मृतकों का अंतिम संस्कार होता था






                                                                                            
                                                                                                                  आगे जारी रहेगी :

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